Sridhar Vembu Biography in Hindi: नमस्कार दोस्तों, आज हम बात करने जा रहे हैं एक ऐसे शख्स की, जिन्होंने अपनी मेहनत और दूरदृष्टि से एक छोटे से गांव से निकलकर दुनिया की एक बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी खड़ी कर दी। ये हैं श्रीधर वेम्बू, जोहो कॉर्पोरेशन (ZOHO Corporation) के संस्थापक और पूर्व सीईओ। वे एक अरबपति हैं, लेकिन उनकी जीवनशैली बेहद सादगी भरी है – गांव में रहना, साइकिल चलाना और लोकल कपड़ों में घूमना। उनकी कहानी हमें सिखाती है कि सफलता के लिए बड़े शहर या फंडिंग की जरूरत नहीं, बस जज्बा और स्मार्ट फैसले काफी हैं। आइए, उनकी जिंदगी के सफर को करीब से जानते हैं।
श्रीधर वेम्बू कौन हैं? (Who is Sridhar Vembu)
श्रीधर वेम्बू एक भारतीय उद्यमी हैं, जिन्होंने जोहो कॉर्पोरेशन (ZOHO Corporation) नाम की कंपनी बनाई, जो आज क्लाउड-बेस्ड सॉफ्टवेयर सॉल्यूशंस में ग्लोबल लीडर है। वे कंपनी के सह-संस्थापक हैं और हाल ही में सीईओ की भूमिका से हटकर चीफ साइंटिस्ट बन गए हैं। उनकी खासियत ये है कि उन्होंने कभी बाहरी निवेश नहीं लिया – पूरी कंपनी bootstrapped तरीके से चलाई। आज जोहो 150 से ज्यादा देशों में काम करती है, जिसमें 10 करोड़ से अधिक यूजर्स हैं। श्रीधर को उनके योगदान के लिए 2021 में पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वे ग्रामीण विकास पर जोर देते हैं और तमिलनाडु के एक गांव से ही कंपनी के कई ऑपरेशंस मैनेज करते हैं।
श्रीधर वेम्बू जीवन परिचय (Sridhar Vembu Biography in Hindi)
विवरण | जानकारी |
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पूरा नाम (Name) | श्रीधर वेम्बू |
जन्मदिन (Birthday) | 1968 |
जन्म स्थान (Birth Place) | थंजावुर, तमिलनाडु |
नागरिकता (Citizenship) | भारतीय |
गृह नगर (Hometown) | टेनकासी, तमिलनाडु |
शिक्षा (Education) | स्नातक (इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग), एमएस, पीएचडी |
विश्वविद्यालय (University) | आईआईटी मद्रास, प्रिंसटन यूनिवर्सिटी (न्यू जर्सी, यूएसए) |
धर्म (Religion) | हिंदू |
भाषा का ज्ञान (Language) | तमिल, अंग्रेजी, हिंदी |
पेशा (Occupation) | उद्यमी, व्यवसायी, समाजसेवी |
कंपनी (Company) | जोहो कॉर्पोरेशन |
कुल संपत्ति (Net Worth) | $5.85 बिलियन (2024) |
शुरुआती जीवन और परिवार (Early Life & Family)

श्रीधर का जन्म 1968 में तमिलनाडु के थंजावुर जिले के एक छोटे से गांव में हुआ था। उनका परिवार मध्यम वर्ग का था, जहां शुरुआती में खेती-बाड़ी मुख्य काम था। उनके पिता बाद में चेन्नई शिफ्ट हो गए और मद्रास हाई कोर्ट में स्टेनोग्राफर के तौर पर काम करने लगे। मां घर संभालती थीं। बचपन से ही श्रीधर पढ़ाई में होशियार थे। घर की आर्थिक स्थिति सामान्य होने के बावजूद, उन्होंने कभी हार नहीं मानी और अपनी लगन से आगे बढ़ते गए। उनका परिवार तमिल ब्राह्मण समुदाय से है, और वे हिंदू धर्म को मानते हैं। वे हिंदी, अंग्रेजी, तमिल समेत कई भाषाएं जानते हैं।
शिक्षा का सफर (Sridhar Vembu Education)
श्रीधर की पढ़ाई की बात करें तो वे स्कूल के दिनों से ही टॉपर रहे। 12वीं क्लास में अच्छे नंबरों के साथ पास होने के बाद, उन्होंने आईआईटी जेईई एग्जाम दिया और ऑल इंडिया रैंक 27 हासिल की। इसके चलते उन्हें आईआईटी मद्रास में एडमिशन मिला, जहां से उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बैचलर डिग्री पूरी की। उसके बाद, ऊंची पढ़ाई के लिए वे अमेरिका चले गए और न्यू जर्सी की प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी की। ये दौर उनके लिए नई चुनौतियों से भरा था, लेकिन इसी ने उन्हें टेक की दुनिया में कदम रखने की नींव दी।
करियर की शुरुआत (Sridhar Vembu Career Journey)
पीएचडी पूरी करने के बाद, श्रीधर ने कैलिफोर्निया के सैन डिएगो में क्वालकॉम कंपनी में नौकरी की। वहां वायरलेस कम्युनिकेशन पर काम किया, लेकिन जल्द ही उन्हें लगा कि कॉर्पोरेट जॉब उनके लिए नहीं है। वे कुछ अपना करना चाहते थे। 1996 में, उन्होंने अपने भाई कुमार वेम्बू और कुछ दोस्तों के साथ मिलकर एडवेंटनेट नाम की कंपनी शुरू की। शुरुआत में ये चेन्नई से ऑपरेट होती थी, लेकिन हेडक्वार्टर कैलिफोर्निया में था। प्लान था हार्डवेयर बनाने का, लेकिन पैसे खत्म होने पर वे सॉफ्टवेयर की तरफ मुड़े। ये फैसला गेम-चेंजर साबित हुआ। सिर्फ दो साल में कंपनी का रेवेन्यू 1 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया।
Zoho Corporation की स्थापना और सफलता (Zoho Corporation Success Story)
2000 के डॉट-कॉम क्रैश ने कई कंपनियों को डुबो दिया, लेकिन श्रीधर ने हिम्मत नहीं हारी। उस वक्त उनके क्लाइंट्स घट गए, तो उन्होंने टीम को रिसर्च एंड डेवलपमेंट पर लगाया। इसी दौरान ManageEngine जैसे प्रोडक्ट्स बने और कंपनी क्लाउड पर शिफ्ट हुई। 2009 में एडवेंटनेट को रीब्रैंड करके जोहो कॉर्पोरेशन बनाया गया। जोहो अब बिजनेस टूल्स जैसे CRM, ईमेल, फाइनेंस मैनेजमेंट प्रदान करती है – सब क्लाउड बेस्ड। कंपनी ने कभी वीसी फंडिंग नहीं ली, फिर भी ये भारत की सबसे प्रॉफिटेबल स्टार्टअप्स में शुमार है। FY23 में जोहो का रेवेन्यू करीब 8700 करोड़ रुपये रहा, जिसमें से 2800 करोड़ से ज्यादा प्रॉफिट था। 2024 में ये आंकड़ा 1.4 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। आज कंपनी में 15 हजार से ज्यादा कर्मचारी हैं, और ये 180 देशों में फैली है।

श्रीधर की एक और पहल है जोहो स्कूल्स, जहां वे ग्रामीण बच्चों को फ्री में कोडिंग, टेक स्किल्स और सॉफ्ट स्किल्स सिखाते हैं। 6 महीने के कोर्स के बाद, कई छात्रों को कंपनी में जॉब मिलती है। आज जोहो में काम करने वाले 1500 से ज्यादा लोग इसी स्कूल से आए हैं। ये दिखाता है कि श्रीधर सिर्फ बिजनेस नहीं, समाज सेवा भी करते हैं।
निजी जीवन
श्रीधर की शादी प्रमिला श्रीनिवासन से हुई थी, और उनका एक बेटा है। दुर्भाग्य से, 2020 के आसपास उनके बीच मतभेद बढ़े, और 2021 में श्रीधर ने तलाक के लिए फाइल किया। ये मामला कोर्ट में चला, जहां कुछ विवाद भी हुए, लेकिन श्रीधर हमेशा कहते हैं कि वे परिवार को महत्व देते हैं। आज वे तमिलनाडु के टेनकासी जिले के एक गांव में रहते हैं, जहां से कंपनी चलाते हैं। उनकी सादगी वाली लाइफस्टाइल – लुंगी पहनना, साइकिल चलाना – उन्हें औरों से अलग बनाती है।
कुल संपत्ति और उपलब्धियां (Sridhar Vembu Net Worth)
फोर्ब्स के मुताबिक, 2024 तक श्रीधर वेम्बू की नेट वर्थ करीब 5.85 बिलियन डॉलर है, जो उन्हें भारत के सबसे अमीर लोगों में 39वें स्थान पर रखती है। ये संपत्ति मुख्य रूप से जोहो में उनके शेयर्स से आती है। कंपनी की वैल्यूएशन अब 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है। उनकी सफलता की कुंजी है लगातार इनोवेशन और ग्रामीण टैलेंट को मौका देना।
सोशल मीडिया पर श्रीधर
श्रीधर सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव हैं। उनके ट्विटर (अब X) पर 2.5 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं (@svembu), जहां वे टेक, एजुकेशन और ग्रामीण विकास पर विचार शेयर करते हैं। लिंक्डइन पर उनके 1.3 मिलियन से अधिक फॉलोअर्स हैं।
दोस्तों, श्रीधर वेम्बू की कहानी हमें बताती है कि सपने बड़े देखो, लेकिन जड़ें मजबूत रखो। गांव से निकलकर ग्लोबल एम्पायर बनाने वाले इस शख्स से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है। अगर आपको ये जीवनी पसंद आई, तो कमेंट में बताएं और शेयर करें। क्या आप भी ऐसे इंस्पायरिंग स्टोरीज पढ़ना पसंद करते हैं? Rajdhanve.in पर और भी बायोग्राफी पढ़ें!