Bajaj Housing Finance Share: बजाज हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड के शेयरों में मंगलवार को भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला, जब यह करीब 9 फीसदी की तेज गिरावट के साथ 52 हफ्ते के निचले स्तर पर पहुंच गया। स्टॉक मार्केट में इस गिरावट की मुख्य वजह प्रमोटर कंपनी बजाज फाइनेंस द्वारा 2.35 फीसदी स्टेक की बिक्री से जुड़ा ब्लॉक डील सामने आया है। इस घटना ने निवेशकों के बीच चिंता की लहर दौड़ा दी है, खासकर तब जब कंपनी ने हाल ही में अपनी दूसरी तिमाही के बेहतर नतीजे पेश किए थे। बजाज हाउसिंग फाइनेंस शेयर की यह गिरावट बाजार की अस्थिरता को दर्शाती है, जहां छोटी-छोटी खबरें भी बड़े उतार-चढ़ाव पैदा कर रही हैं।
ब्लॉक डील के तहत बजाज फाइनेंस ने करीब 19.5 करोड़ शेयरों का लेन-देन किया, जिसकी कीमत लगभग 1,890 करोड़ रुपये आंकी गई। ये शेयर 97 रुपये प्रति शेयर के भाव पर बिके, जो सोमवार के बंद भाव 104.59 रुपये से करीब 9 फीसदी की छूट पर था। प्रस्तावित डील में मूल रूप से 16.6 करोड़ इक्विटी शेयर शामिल थे, लेकिन अंतिम लेन-देन इससे थोड़ा अधिक हुआ। बजाज फाइनेंस के पास कंपनी में 88.70 फीसदी की हिस्सेदारी है, जो 739 करोड़ से ज्यादा इक्विटी शेयरों के रूप में है। इस बिक्री के बाद प्रमोटर की होल्डिंग में मामूली कमी आ सकती है, लेकिन कंपनी के संचालन पर इसका कोई तत्काल असर नहीं दिख रहा।
बाजार विश्लेषकों का मानना है कि ऐसी बड़ी स्टेक बिक्री अक्सर बाजार में नकारात्मक संकेत के रूप में देखी जाती है, क्योंकि इससे प्रमोटर की आत्मविश्वास पर सवाल उठते हैं। बीएसई पर शेयर 94.90 रुपये के भाव पर ट्रेड कर रहा था, जबकि एनएसई पर दोपहर 11:30 बजे तक 6.48 फीसदी की गिरावट के साथ यह 97.77 रुपये पर पहुंचा। लिस्टिंग के बाद से सितंबर 2024 से अब तक बजाज हाउसिंग फाइनेंस शेयर में कुल 23 फीसदी की कमी आ चुकी है। तकनीकी विश्लेषण में शेयर 50-दिन के साधारण मूविंग एवरेज (एसएमए) 109 रुपये और 200-दिन के एसएमए 116 रुपये से नीचे ट्रेड कर रहा है। इसके अलावा, मनी फ्लो इंडेक्स (एमएफआई) 23 के आसपास है, जो ओवरसोल्ड जोन को इंगित करता है। ऐसे में कुछ निवेशक इसे खरीदारी का मौका मान सकते हैं, लेकिन बाजार की अनिश्चितता बरकरार है।
कंपनी की वित्तीय स्थिति पर नजर डालें तो हालिया क्वार्टरली रिजल्ट्स उत्साहजनक रहे हैं। जुलाई-सितंबर तिमाही (क्यू2एफवाई26) में बजाज हाउसिंग फाइनेंस का शुद्ध लाभ 643 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की समान तिमाही के 546 करोड़ रुपये से 18 फीसदी अधिक है। राजस्व में भी 14 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, जो 2,410 करोड़ रुपये से चढ़कर 2,755 करोड़ रुपये हो गया। तुलनात्मक रूप से, पिछली तिमाही (क्यू1एफवाई26) के मुकाबले लाभ में 10 फीसदी और राजस्व में 5.3 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। ये आंकड़े बताते हैं कि कंपनी का कोर बिजनेस मजबूत बुनियाद पर खड़ा है, लेकिन स्टॉक की कीमत पर बाहरी कारकों का असर ज्यादा पड़ रहा है।
बजाज हाउसिंग फाइनेंस की बाजार में एंट्री सितंबर 2024 में हुई थी, जब इसकी 6,560 करोड़ रुपये की आईपीओ लॉन्च हुई। आईपीओ प्राइस बैंड 66-70 रुपये रखा गया था और यह 67.43 गुना सब्सक्राइब हो गया। रिटेल निवेशकों ने अपनी कोटा से 7.4 गुना अधिक बोली लगाई थी, जो कंपनी के प्रति निवेशकों के भरोसे को दिखाता है। बजाज फाइनेंस की सहायक कंपनी के रूप में यह हाउसिंग फाइनेंस सेक्टर में मजबूत खिलाड़ी है, जो किफायती आवास ऋणों पर फोकस रखती है। फिर भी, प्रमोटर की स्टेक बिक्री जैसी घटनाएं शेयरहोल्डर्स को सतर्क कर रही हैं।
कुल मिलाकर, बजाज हाउसिंग फाइनेंस शेयर की यह गिरावट अल्पकालिक हो सकती है, लेकिन निवेशकों को कंपनी के लॉन्ग-टर्म फंडामेंटल्स पर नजर रखनी चाहिए। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि हाउसिंग फाइनेंस सेक्टर में विकास की संभावनाएं बरकरार हैं, खासकर सरकारी योजनाओं के समर्थन से। फिलहाल, ट्रेडर्स को सलाह दी जा रही है कि वे वॉल्यूम और सपोर्ट लेवल पर नजर रखें। यह घटना भारतीय शेयर बाजार की उस प्रवृत्ति को उजागर करती है, जहां कॉर्पोरेट एक्शन्स तुरंत रिफ्लेक्ट होते हैं।











