Bhrashtachar Par 500 Shabdon mein Nibandh: भ्रष्टाचार पर निबंध 500 शब्दों में

Published On: December 21, 2025
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Bhrashtachar Par 500 Shabdon mein Nibandh: भ्रष्टाचार पर निबंध 500 शब्दों में

Bhrashtachar Par 500 Shabdon mein Nibandh: दोस्तों, कल्पना कीजिए कि आपका देश एक सुंदर बगीचा है। लेकिन अगर इस बगीचे में दीमक लग जाए, तो फूल और पेड़ धीरे-धीरे खराब हो जाते हैं। ठीक वैसे ही भ्रष्टाचार हमारे देश की जड़ों में लगी एक दीमक है। भ्रष्टाचार का मतलब है गलत तरीके से पैसा या फायदा कमाना, जैसे रिश्वत लेना या नियमों को तोड़ना। यह सिर्फ बड़े लोगों की समस्या नहीं है, बल्कि हम सबको प्रभावित करती है। जब मैं सोचता हूं कि भ्रष्टाचार से कितने गरीब लोग परेशान होते हैं, तो मन बहुत दुखी हो जाता है। यह निबंध हमें बताएगा कि भ्रष्टाचार क्या है, क्यों होता है, इसके बुरे प्रभाव क्या हैं और हम इसे कैसे रोक सकते हैं।

भ्रष्टाचार क्या है और क्यों होता है?

भ्रष्टाचार यानी भ्रष्ट आचरण। जब कोई व्यक्ति अपने पद का गलत इस्तेमाल करके अपना फायदा करता है, तो वह भ्रष्टाचार करता है। जैसे सरकारी ऑफिस में काम करवाने के लिए रिश्वत मांगना, या स्कूल में नकल करवाना। हमारे देश में भ्रष्टाचार के कई कारण हैं। सबसे बड़ा कारण है लालच। लोग ज्यादा पैसा कमाने की चाह में ईमानदारी भूल जाते हैं। दूसरा कारण है गरीबी और महंगाई। कुछ लोग सोचते हैं कि कम वेतन में घर कैसे चलाएं, इसलिए गलत रास्ता अपनाते हैं। इसके अलावा, नियमों की कमी और सजा न मिलना भी भ्रष्टाचार बढ़ाता है। अगर कोई रिश्वत लेता है और पकड़ा नहीं जाता, तो दूसरों को भी हिम्मत मिलती है। मुझे बहुत अफसोस होता है जब देखता हूं कि अच्छे लोग भी मजबूरी में ऐसा करते हैं। लेकिन क्या यह सही है? नहीं ना!

भ्रष्टाचार के प्रभाव

भ्रष्टाचार का असर पूरे समाज पर पड़ता है। सबसे ज्यादा नुकसान गरीबों को होता है। सरकारी योजनाओं का पैसा बीच में ही खा लिया जाता है, तो गरीबों तक मदद नहीं पहुंचती। स्कूल और अस्पताल अच्छे नहीं बन पाते। देश की तरक्की रुक जाती है। विदेशी कंपनियां भारत में निवेश करने से डरती हैं क्योंकि उन्हें डर लगता है कि रिश्वत मांगेंगे। इससे बेरोजगारी बढ़ती है। सबसे दुख की बात है कि भ्रष्टाचार से लोगों का भरोसा सरकार और एक-दूसरे पर उठ जाता है। बच्चे देखते हैं कि मेहनत से नहीं, चालाकी से सफलता मिलती है, तो वे भी गलत रास्ते पर चल पड़ते हैं। मेरा दिल दुखता है जब सोचता हूं कि हमारे देश का कितना नुकसान हो रहा है। हमारा भारत तो सोने की चिड़िया था, लेकिन भ्रष्टाचार ने इसे कमजोर कर दिया है।

भ्रष्टाचार को कैसे रोका जाए?

भ्रष्टाचार रोकना मुश्किल है, लेकिन नामुमकिन नहीं। सबसे पहले हमें खुद से शुरू करना होगा। हम कभी रिश्वत न दें और न लें। स्कूल में ईमानदारी से पढ़ाई करें, नकल न करें। सरकार को सख्त कानून बनाने चाहिए, जैसे लोकपाल बिल, ताकि भ्रष्ट लोगों को जल्दी सजा मिले। शिक्षा से बच्चों को सिखाना चाहिए कि ईमानदारी सबसे बड़ा धन है। गांधीजी कहते थे, “ईमानदार बनो।” अगर हम सब मिलकर भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाएं, तो बदलाव आएगा। अन्ना हजारे जैसे लोग ने हमें दिखाया कि जनता की ताकत से कुछ भी हो सकता है। मुझे उम्मीद है कि हमारा युवा वर्ग आगे आएगा और भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाएगा। इससे हमारा देश मजबूत और खुशहाल बनेगा।

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उपसंहार

दोस्तों, भ्रष्टाचार एक बड़ी बीमारी है, लेकिन इसका इलाज हमारे हाथ में है। अगर हम ईमानदार रहें और दूसरों को भी प्रेरित करें, तो एक दिन हमारा भारत भ्रष्टाचार से मुक्त हो जाएगा। मुझे गर्व होगा जब हम कह सकेंगे कि हमारा देश साफ-सुथरा है। आओ, हम सब मिलकर संकल्प लें कि भ्रष्टाचार को नहीं सहेंगे। इससे न केवल हमारा देश आगे बढ़ेगा, बल्कि हमारा मन भी शांत और खुश रहेगा। जय हिंद!

Raj Dhanve

Raj Dhanve has over 10 years of rich experience in the banking, finance, and insurance sectors. He possesses in-depth knowledge and extensive experience in blogging as well as website development on a wide range of topics, including education, schemes, loans, investments, the share market, social issues, and many others.

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