Goa Liberation Day Speech in Hindi: गोवा मुक्ती दिवस पर हिंदी में भाषण

Published On: December 16, 2025
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Goa Liberation Day Speech in Hindi: गोवा मुक्ती दिवस पर हिंदी में भाषण

नमस्कार आदरणीय प्रधानाचार्य जी, शिक्षक गण, और मेरे प्यारे दोस्तों!

Goa Liberation Day Speech in Hindi: आज हम सब यहां इकट्ठे हुए हैं गोवा मुक्ती दिवस मनाने के लिए। यह दिन हमें याद दिलाता है कि कैसे हमारा देश आजादी की लड़ाई में एक और कदम आगे बढ़ा। गोवा मुक्ती दिवस, जो हर साल 19 दिसंबर को मनाया जाता है, उस बहादुरी की कहानी है जब भारतीय सेना ने गोवा को पुर्तगाली शासन से मुक्त कराया। मैं आज “Goa Liberation Day Speech in Hindi” के रूप में इस बारे में कुछ बातें साझा करना चाहता हूं, ताकि हम सब समझ सकें कि आजादी कितनी कीमती है।

Goa Liberation Day Speech in English

कल्पना कीजिए, दोस्तों, अगर आपका घर किसी और के कब्जे में हो और आप वहां अपनी मर्जी से न रह सकें। ऐसा ही कुछ गोवा के लोगों के साथ हुआ था। पुर्तगाली लोग लगभग 450 साल से गोवा पर राज कर रहे थे। वे वहां आए थे व्यापार के बहाने, लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने पूरे इलाके पर कब्जा कर लिया। गोवा के लोग अपनी भाषा बोलते थे, अपनी संस्कृति जीते थे, लेकिन उन्हें विदेशी नियमों के तहत जीना पड़ता था। मेरे दादाजी अक्सर बताते हैं कि कैसे उनके बचपन में गोवा के बारे में सुना था – सुंदर समुद्र तट, हरी-भरी घाटियां, लेकिन वहां के लोग आजादी के लिए तरस रहे थे। दादाजी कहते हैं, “बेटा, आजादी वो है जैसे सुबह उठकर अपने घर के आंगन में खेलना, बिना किसी डर के।”

1950 के दशक में गोवा के लोग आजादी की मांग करने लगे। वे सत्याग्रह करते, प्रदर्शन करते, लेकिन पुर्तगाली सरकार नहीं मानी। तब हमारे देश के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने फैसला लिया कि गोवा को भारत का हिस्सा बनाना है। 1961 में, 18 दिसंबर को ऑपरेशन विजय शुरू हुआ। भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना ने मिलकर सिर्फ 36 घंटों में गोवा को मुक्त कर दिया। 19 दिसंबर को पुर्तगाली गवर्नर ने आत्मसमर्पण कर दिया। कितनी बहादुरी की कहानी है ना? सोचिए, उन सैनिकों ने अपनी जान जोखिम में डाली, ताकि गोवा के बच्चे आजाद हवा में सांस ले सकें।

मुझे याद है, पिछले साल स्कूल ट्रिप पर हम गोवा गए थे। वहां के समुद्र तट पर खेलते हुए मैंने सोचा, अगर मुक्ती नहीं हुई होती तो शायद हम यहां इतनी खुशी से न घूम पाते। एक लोकल अंकल ने हमें बताया कि कैसे उनके पिता मुक्ती आंदोलन में शामिल थे। वे रात-रात भर जागते, गुप्त मीटिंग्स करते, और सपना देखते एक आजाद गोवा का। आज गोवा भारत का हिस्सा है, जहां कोंकणी, मराठी और हिंदी सब साथ में बोलते हैं। यहां के लोग क्रिसमस, गणेश चतुर्थी सब खुशी से मनाते हैं। यह मुक्ती हमें सिखाती है कि एकजुट होकर हम किसी भी अन्याय से लड़ सकते हैं।

दोस्तों, आज के दिन हमें वादा करना चाहिए कि हम अपनी आजादी की कद्र करेंगे। स्कूल में पढ़ाई करें, दोस्तों से प्यार करें, और देश के लिए कुछ अच्छा करें। जैसे गोवा के लोगों ने हार नहीं मानी, वैसे ही हमें भी मुश्किलों से न डरना। गोवा मुक्ती दिवस हमें याद दिलाता है कि आजादी एक उपहार है, जिसे संभालकर रखना है।

अंत में, जय हिंद! जय गोवा! धन्यवाद।

Raj Dhanve

राज धनवे यांना बँकिंग, फायनान्स आणि इन्शुरन्स क्षेत्रात 10+ वर्षांचा समृद्ध अनुभव आहे. त्यांना शिक्षण, योजना, कर्ज, गुंतवणूक, शेयर मार्केट, सामाजिक आणि इतर बऱ्याच विषयावर ब्लॉग लिहण्याचे तसेच वेबसाईट बनवण्याचे सखोल ज्ञान आणि अनुभव आहे.

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